नामवर सिंह के उद्धरण
कवि अपने बारे में कहे तो कविता हो सकती है, पर आलोचना तो तभी होती है जब रचना के बारे में कहा जाए। आलोचक को अपने बारे में कहने की छूट नहीं है।
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