Font by Mehr Nastaliq Web

चाणक्य के उद्धरण

काम-वासना के समान कोई दूसरा रोग नहीं। मोह के समान कोई दूसरा शत्रू नहीं। क्रोध के समान कोई आग नहीं। ज्ञान से बड़ा कोई सुख नहीं।