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हरिशंकर परसाई के उद्धरण

जो प्रेमपत्र में मूर्खतापूर्ण बातें न लिखे, उसका प्रेम कच्चा है, उस पर विश्वास नहीं करना चाहिए। पत्र जिनता मूर्खतापूर्ण हो, उतना ही गहरा प्रेम समझना चाहिए।