निर्मल वर्मा के उद्धरण
हम एक ऐसी सभ्यता में रहते हैं, जिसने सत्य को खोजने के लिए सब रास्तों को खोल दिया है, किंतु उसे पाने की समस्त संभावनाओं को नष्ट कर दिया है।
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