हरिशंकर परसाई के उद्धरण
चौबीस घंटे देश की दुर्दशा की बात होती है। सत्तावन करोड़ आदमी करते है। पर बात से कहीं देश सुधरता है? आप पाँच मिनिट बात कर लेंगे तो देश का क्या फ़ायदा होगा?
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