हरिशंकर परसाई के उद्धरण
अगर दो साईकिल सवार सड़क पर एक-दूसरे से टकराकर गिर पड़ें तो उनके लिए यह लाज़िमी हो जाता है कि वे उठकर सबसे पहिले लड़ें फिर धूल झाड़े। यह पद्धती इतनी मान्यता प्राप्त कर चुकी है कि गिरकर न लड़ने वाला साईकिल सवार बुजदिल माना जाता है, क्षमाशील संत नहीं।
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