विनोद कुमार शुक्ल के उद्धरण

गंदगी वहाँ है जहाँ सफ़ाई और संपन्नता है, वह अहाता है जहाँ से फूलों की ख़ुशबू आती है और घास पर बैठे हुए वे लोग हैं जो फ़ुर्सत से बैठ गए हैं।
-
संबंधित विषय : जीवन