उत्तर कथा
रचना से सरलता की उनकी माँग—अपने से कहीं साक्षात् न हो जाए के—भय से उत्पन्न होती है।
गर्मियों की शामें प्रायः हवाहीन हुआ करती हैं।
जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली
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