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लेखक : डॉ. इरावती

संस्करण संख्या : 001

प्रकाशक : किताब घर प्रकाशन, दिल्ली

प्रकाशन वर्ष : 2012

श्रेणियाँ : विविध

पृष्ठ : 252

सहयोगी : भारतीय भाषा परिषद ग्रंथालय

त्रिशपथगा

पुस्तक: परिचय

त्रिपथगा का अर्थ है- हिंदुओं का विश्वास है कि स्वर्ग, मर्त्य और पाताल इन तीनों लोकों में गंगा बहती हैं, इसीलिये इसे त्रिपथगा कहते हैं ।

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