सन् 1980 से नियमित रूप से प्रकाशित हो रही साहित्य अकादेमी की द्वैमासिकी ‘समकालीन भारतीय साहित्य’ एक पत्रिका ही नहीं, राष्ट्र की साहित्यिक अनुगूँज भी है। इसमें मौलिक हिंदी रचनाओं के साथ साहित्य अकादेमी द्वारा मान्यता प्राप्त 23 अन्य भारतीय भाषाओं की महत्त्वपूर्ण रचनाओं के हिंदी अनुवाद छपते हैं। यह पत्रिका भारतीय भाषाओं में सृजित कविता, कहानी, निबंध, यात्रावृत्तांत, संस्मरण, आत्मकथा, साक्षात्कार, पुस्तक समीक्षा तथा अन्य विधाओं की भी श्रेष्ठ रचनाओं को मंच प्रदान करती है, जो अपने समय से पाठकों का सामना करा देती हैं। राष्ट्र के विशिष्ट साहित्य को समेटता इसका हर अंक पठनीय ही नहीं, संग्रहणीय भी होता है। यह भारतीय मनीषा की प्रतीति देने वाली एकमात्र पत्रिका है। उम्मीद है कि इसकी सदस्यता लेकर आप खुद को और हमें भी समृद्धि प्रदान करेंगे। समकालीन भारतीय साहित्य के संपादक श्री बलराम प्रेम नारायण हैं।
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