समकालीन हिन्दी कहानी एक नये वेग, नयी वेश-भूषा, और नई तकनीक एवं विचारधारा के साथ आगे बढ़ी है। समकालीन कहानी में पुराने-नए सभी कहानीकार अविराम गति से कहानी-साहित्य का सृजन करते रहे है।
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