भारत के लोकतान्त्रिक ढांचे में सभाओं की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है संसद के दो सदनों तक को राज्यसभा और लोकसभा के नाम से जाना जाता है इसी क्रम में अगर आप सभाओं के बारे में जानने की इच्छा रखते हैं सभाओं से जुड़े सवालों जैसे इनका गठन कैसे होता है? इनके स्वरूप कैसे-कैसे होते हैं , इसके संचालन के क्या नियम होते हैं आदि-आदि तो यह किताब आपके लिए रूचिकर हो सकती है विष्णुदत्त शुक्ल जी ने इन सभी विषयों पर इस किताब में विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई है।
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