‘सातवें दशक’ के कहानीकार रमेश उपाध्याय का जन्म 1 मार्च, 1942 को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के एटा जिले के बढ़ारी बैस नामक गाँव में हुआ था। उन्होंने राजस्थान विश्वविद्यालय से एम.ए. किया। तत्पश्चात उनका साहित्यिक जीवन का आरंभ 60 के दशक में अजमेर से प्रकाशित पत्रिका 'लहर' से हुआ. इस पत्रिका के लिए वे कंपोजीटर का काम करते थे. बाद में वे दिल्ली आ गए और दिल्ली विश्वविद्यालय से पीएच.डी. और दिल्ली में ही अध्यापन किया। वे हिंदी की अनियतकालीन पत्रिका ‘कथन’ संस्थापक संपादक थे।
कोरोना से संक्रमित होने के कारण 24 मार्च 2021 को उनका निधन हो गया।
रचनाएँ
कहानी संग्रह
जमी हुई झील (1969), शेष इतिहास (1973), नदी के साथ (1976), चतुर्दिक (1980), बदलाव से पहले (1981), पैदल अँधेरे में (1981), राष्ट्रीय राजमार्ग (1984), किसी देश के किसी शहर में (1987, नवीन संस्करण 2015), कहाँ हो प्यारेलाल! (1991), चर्चित कहानियाँ (1995), अर्थतंत्र तथा अन्य कहानियाँ (1996), दस प्रतिनिधि कहानियाँ (2003), डॉक्यूड्रामा तथा अन्य कहानियाँ (2006), एक घर की डायरी (2009), साथ चलता शहर (2012), त्रासदी...माइ फुट! (2013), पुराने जूतों की जोड़ी (2015), कहीं जमीन नहीं (2016)
उपन्यास
चक्रबद्ध (1967), दंडद्वीप (1970, पुनर्लिखित नवीन संस्करण 2009), स्वप्नजीवी (1971), हरे फूल की ख़ुशबू (1991)
नाटक
सफ़ाई चालू है (1974), पेपरवेट (1981), बच्चों की अदालत (1981), भारत-भाग्य-विधाता (1990), हाथी डोले गाम-गाम (2009)
नुक्कड़ नाटक
गिरगिट, हरिजन-दहन, राजा की रसोई, हिंसा परमो धर्मः, ब्रह्म का स्वाँग, समर-यात्रा, मधुआ, तमाशा
आलोचना
कम्युनिस्ट नैतिकता (1974), हमारे सामाजिक और सांस्कृतिक सरोकार (1996), आज का पूँजीवाद और उसका उत्तर-आधुनिकतावाद (1999), कहानी की समाजशास्त्रीय समीक्षा (1999)
साहित्यिक इतिहास
जनवादी कहानी: पृष्ठभूमि से पुनर्विचार तक (2000)
साक्षात्कार
बेहतर दुनिया की तलाश में (2007)
निबंध
साहित्य और भूमंडलीय यथार्थ (2008), भूमंडलीय यथार्थवाद की पृष्ठभूमि (2014)
विनिबंध
साहित्य अकादेमी, नई दिल्ली की 'भारतीय साहित्य के निर्माता' नामक शृंखला में भीष्म साहनी पर विनिबंध (2015)
आत्मकथात्मक एवं साहित्यिक विमर्श
मेरा मुझ में कुछ नहीं (2013)
अनुवाद (अँग्रेज़ी से)
जनता का नया साहित्य (1983), कला की ज़रूरत (1990), उत्पीड़ितों का शिक्षाशास्त्र (1996), सुभाष चंद्र बोस: एक जीवनी (1998)
अनुवाद (गुजराती से)
सोनल छाया (1968), कंचुकीबंध (1969), गुजराती कहानियाँ (1975), धूपछाँह (1976), समकालीन गुजराती कहानियाँ (1995)
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