राष्ट्रीय धरोहर, इस पुस्तक में लेखक ने भारत राष्ट्रीय की धरोहर को बचाए रखा है अन्यथा आज आधनुिक काल में राष्ट्रीय धरोहर को बचा पाना न मुमकिन-सा हाे गया है। इस पुस्तक में वेद व्यास जी ने सांस्कृतिक, धार्मिक आस्था को एक धन की तरह संचय कर दिया है।
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