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पुस्तक: परिचय

रमाकांत जी के इस उपन्यास में वह अपने अंदर रचे बसे कलकत्ता को इतिहास-भूगोल के परे जाकर व्यक्त करने की कहानी रचते हैं। जिसमें शीतल,विपिन,जया नगेन्द्र और पल्टू प्रसाद पांडे सरीखे किरदार अपने आसपास बनें नर्क से निकलने की कोशिश करते नायक, कुछ बेवकूफियों के साथ दुनिया की अच्छाइयों में यकीन रखते हुए अपनी संघर्ष यात्रा में आगे बढ़ते हैं।

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