परदे की रानी इलाचंद्र जोशी का एक बहुत ही चर्चित उपन्यास है। इस उपन्यास का नायक इंद्रमोहन दो स्त्रियों शीला और निरंजना से प्रेम करता है। इस तरह अनेक स्त्रियों के प्रेम में पड़कर कैसे एक पुरुष अपने अवचेतन को जड़ कर लेता है और अपनी अधूरी इच्छाओं के साथ वह कुंठाओं से भर जाता है। उपन्यास की कहानी इन्ही उतार चढ़ावों से होकर गुजरती है।
हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली
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