यह कहानी संग्रह इन मायनों में काफ़ी दिलचस्प हो जाता है कि इस संग्रह के लेखकों की सूची में शामिल तमाम रचनाकारों को बुनियादी तौर पर उर्दू का रचनाकार समझा जाता है परंतु सभी का हिंदी में भी उतना ही बोल बाला है जितना की उर्दू में इस संग्रह की ज्यादातर कहानियाँ उस समय देश के जो भी समसामयिक मुद्दे थे उनके इर्द-गिर्द ही गढ़ी गई हैं जो पाठकों को उस समय के देश के परिवेश को समझने में बहुत मददगार साबित होंगी।