इस संकलन में समाहित है शिवानी का लघु उपन्यास पाथेय। इसमें तिलोत्तमा की अनूठी कहानी है, नारी मन की पीड़ा के तार-तार को ऐसी रिद्म में छेड़ती है यह कहानी कि पाठक अभिभूत हो जाता है। और साथ में हैं शिवानी की अन्य कई मार्मिक व रोचक रचनाएँ।
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