मध्यकालीन नारी भावना के परिप्रेक्ष्य में संत कावयित्रियों का योगदान में मध्यकाल से पूर्व नारी की स्थिति एवं उसके प्रति समाज का दृष्टिकोण, एवं संत परंपरा में नारी के प्रति दृष्टिकोण विचार करते हुए संत कवयित्री के व्यक्त्तिव एवं कृत्तित्व पर विचार किया गया।
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