'कुहासा' यह अमरकांत जी का पाँचवाँ संग्रह है। इन रचनाओं में लेखक ने अत्यंत साधारणता का भाव जाग्रत किया है। आम जन के जीवन को प्रभावित होते हुए दिखाया है।
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