कालभोज मेवाड़ के शासक रहे बाप्पा रावल से प्रभावित नाम है। इस उपन्यास को गुजराती के प्रसिद्ध उपन्यासकार रमणलाल बसंतलाल देसाई ने लिखा है। उपन्यास की कहानी भी बप्पा रावल के शासनकाल को केंद्र में रखकर गढ़ी गई है।
जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली
टिकट ख़रीदिए