'कल का भरोसा' लेखक ने अपनी इस पुस्तक में वे चुनौतियाँ तथा असहमतियाँ दिखाई है जिनसे आम भारतीय जन जूझता रहता है और अपने भविष्य को बेहतर बनाने के लिए ख़ून-पसीना एक करता रहता है।
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