जाने-आलम इक़बाल बहादुर देवसरे का ऐतिहासिक उपन्यास है। इस उपन्यास में रचनाकार ने वाज़ीदअली खाँ की जीवनी के बारे में बताया है। जब वह लखनऊ से कलकत्ता चले जाने के बाद से लेकर इकत्तीस वर्षों तक के वाज़ीदअली शाह के जीवन के घटनाक्रम को आधार बनाकर ही इस उपन्यास की रचना की गई है।
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