'जम्मू जो कभी शहर था' पदमा का यह चौथा उपन्यास है। उपना शहर एकदम बहल जाता है तो पुराने शहर की स्मृतियाँ घेरे रहती हैं। इस शहर में भीड़ की कैसी तादाद बढ़ती जा रही है। इस शहर की बिगड़ती अवस्था और स्थिति को बताया गया है।
जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली
टिकट ख़रीदिए