यह एक मध्यम वर्ग के परिवार की कथा है। परिवार एक घेरा है, जिसका बाहर और भीतर तक एक सीमा तय है। इस कारण इस कथा का नाम गुंठन रखा गया है। परिवार का घेरा क्या होना चाहिए यही इस पुस्तक का विषय है। हिंदु समाज में परिवार का घेरा दो प्रकार का होता है एक सकल परिवार और दूसरा एकल परिवार। इन दोनों परिवार का अपना-अपना घेरा निर्धारित है।
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