'यूकेलिप्टस' इस उपन्यास में पाया गया है कि धर्मनिरपेक्षता के अतिरिक्त भारत में कोई उपाय नहीं है। रचनाकार ने अपने इस उपन्यास में समाज एवं जीवन के प्रमुख मुद्दों को लिया है।
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