यह आकशवाणी के विभिन्न केन्द्रों से प्रसारित रेडियो नाटकों का एक अनूठा संग्रह है। दर्द का सुख किताब में लेखक ने दर्द का अर्थ समझाते हुए कहा है कि दर्द की अनुभूति स्वंय तक ही सीमित रखनी चाहिए।
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