यह श्रवण कुमार की कहानियों का एक संग्रह है। श्रवण कुमार की कथा जग-विख्यात है । नदी में पानी भरने गए श्रवण कुमार को महाराज दशरथ के तीर ने जब मार डाला, तब दुखी होकर उसके माता-पिता ने दशरथ को श्राप दिया था कि जिस तरह हम आज अपने पुत्र के वियोग में तड़प-तड़प कर प्राण दे रहे हैं; उसी प्रकार एक दिन तुम भी इस वेदना को महसूस करोगे।
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