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लेखक : पद्मा सचदेव

संस्करण संख्या : 001

प्रकाशक : भारतीय ज्ञानपीठ, नई दिल्ली

प्रकाशन वर्ष : 1999

श्रेणियाँ : कहानी

पृष्ठ : 107

सहयोगी : भारतीय भाषा परिषद ग्रंथालय

भटको नहीं धनंजय

पुस्तक: परिचय

'भटको नहीं धनंजय' इस पुस्तक में लेखक ने भटकने की त्रासदी भी भयानक बताया है। भयानकता की दीवार पार करने के बाद भी भटकाव महसूस होता है, ठहराव कहीं नहीं मिलता है इसका कोई समाधान नहीं है।

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