प्रस्तुत उपन्यास बेगम हज़रत का संर्घषमय तथा उज्ज्वल चरित्र पर आधारित है। लखनऊ की बादशाहत को फिरंगियों से आज़ाद कराने के लिए बेगम ने जिस साहस, लगन, चैतन्यता और बुद्धिमत्ता का परिचय दिया था, इतिहासों में वह अमिट छाप छोड़ती है। बेगम हज़रत अपने ध्येय, अपने इरादे तथा विचारों की एक ही महिला थी। उनके पहलू में अक सच्ची नारी का कोमल ह्दय होते हुए भी उनमें अपार दृढ़ता भरी हुई थी।उन्हें आजीवन विपत्तियों से जूझना, संघर्ष करते रहना स्वीकार था। किंतु शत्रु के आगे झुकना हरगिज़ स्वीकार नहीं था।
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