अपार्थ उपन्यास कमल कुमार जी का प्रचलित उपन्यास है। रचनाकार ने प्रस्तुत पुस्तक आदरणीय पांडुरंगराव को समर्पित किया है। यह उपन्यास रचनात्मक जिजीविषा है जो जीवन को अपार्थ नहीं होने देगा।
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