यह एक ऐसे लड़के की कहानी है जिसका पूरा परिवार शहर में फैले हैजे की बीमारी से मर गया था। यह अनाथ लड़का कैसे अपनी जीवन यात्रा से गुजरता है उसकी यात्रा में कैसे-कैसे संघर्ष आते हैं उन्ही समस्याओं को समझते हुए यह उपन्यास बुना गया है।
जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली
टिकट ख़रीदिए