इन लघुकथाओं को जीवन और सृजन से संपूर्ण कहा है गौतम सान्याल ने फ्लैप पर लिखी छोटी सी जानकारी में बताया है। उन्होंने इस संग्रह की कथाओं को तीन वर्गों में बांँटा है। दहशत में अकुलाते भयाक्रांत मन, लघुकथा के सिद्धांतों की अनुपालना और दैनंदिनी जीवन के संघर्ष का चित्रण। कमल चोपड़ा ने मुख्य तौर पर सांप्रदायिकता पर लघुकथाओं के माध्यम से जम कर प्रहार किया है। अकथ की अधिकांश लघुकथाएंँ धर्म के आडम्बर और आपसी भाईचारा को खूब जड़ से पकड़ने में सफल हैं। दंगे पर अनेक रचनाएं हैं। सबसे चर्चित एक समय कमल चोपड़ा की लघुकथा रही : मैं छोनू। और समाज में एकांत और टूटते परिवार पर सर्वप्रथम लघुकथा : इतनी दूर।
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