कमल कुमार की कहानियाँ जीवन के बहुविध अनुभवों की कहानियाँ हैं; जिनमें आसक्ति, आस्था, आशा और जीवन का स्पंदन है। कभी न परास्त होता ‘अपराजेय’ भाव है। वहीं सामाजिक, धार्मिक रूढि़यों, विसंगतियों और विषमताओं पर प्रहार भी है। इस उपन्यास में लेखिका ने तीन प्रकार के नारी चरित्रों को उभारा है। अमर की पत्नी का पार्वती का अमर के जीवन में पुन: लौटना यह आवर्तन और प्रत्यावर्तन इस उपन्यास का सत्य है।
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