'आधुनिक हिन्दी कविता' इस पुस्तक में आत्मनिर्वासन और अकेलेपन का संदर्भ शामिल है। इस काल में सांस्कृतिक, राजनैतिक एवं सामाजिक आंदोलनों के फलस्वरूप हिंदी काव्य में नई चेतना तथा विचारों ने जन्म लिया और साहित्य बहुआयामी क्षेत्रों को स्पर्श करने लगा।
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