प्रस्तुत पुस्तक में लेखक ने अपने तीन भाषणों में के माध्यम से इस पुस्तक की रचना की है साथ ही आधुनिकाल के समय में आदिकाल के विषय में बड़ी सुक्ष्मता से लोगों को इसके यथार्थ से परिचित कराया है।
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