आदमखोर नानक सिंह का पंजाबी भाषा में लिखा गया श्रेष्ठ उपन्यास है। इसका हिंदी अनुवाद कृष्ण कुमार जोशी ने किया है। भारत की स्वतन्त्रता के पक्ष में लिखने के कारण अंग्रेजी सरकार ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। उन्होने कई उपन्यासों की रचना की। प्रस्तुत पुस्तक में लेखक ने सामाजिक राजनीति पर व्यंग्य किया है। ढहते समाज और लुटते समाज की ओर सजगता दिखाई है।
जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली
टिकट ख़रीदिए