आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "UL 30 मुफ़्त ई-बुक"
Doha के संबंधित परिणाम "ul 30 मुफ़्त ई-बुक"
ई मन चंचल ई मन चोर
ई मन चंचल ई मन चोर, ई मन शुद्ध ठगहार।मन-मन करते सुर-नर मुनि जहँड़े, मन के लक्ष दुवार॥
कबीर
रूवि पयंगा सद्दि मय
रूवि पयंगा सद्दि मय, गय फांसहि णासंति।अलि-उल गंधहि मच्छ रसि, किमि अणुराउ करंति॥
जोइंदु
मारुत सुत, अलि, हंस अरु
मारुत सुत, अलि, हंस अरु, लिख मंदिर रंग स्वेत।चौरँग पौढ़ी चतुर तिय, कह जमाल किहि हेत॥
जमाल
दादू इसक अलह की जाति है
दादू इसक अलह की जाति है, इसक अलह का अंग।इसक अलह औजूद है, इसक अलह का रंग॥
दादू दयाल
पतिब्रत ही मैं शील है
पतिब्रत ही मैं शील है, पतिब्रत मैं संतोष।सुन्दर पतिब्रत राम सौं, वह ई कहिये मोष॥
सुंदरदास
ऐहैं कहु केहि काम ए
ऐहैं, कहु, केहि काम ए, कादर काम-अधीर।तिय-मृग-ई छनहीं जिन्हें, हैं अति तीछन तीर॥
वियोगी हरि
बाँह मरोरे जात हो
बाँह मरोरे जात हो, मोहि सोवत लिये जगाय।कहहिं कबीर पुकारि के, ई पिंडे होहु कि जाय॥