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15 अगस्त 1947
चिर प्रणम्य यह पुण्य अहन्, जय गाओ सुरगण,आज अवतरित हुई चेतना भू पर नूतन!
सुमित्रानंदन पंत
पंडित जवाहरलालजी नेहरू के प्रति
जय निनाद करते जन, हे जनगण के नायक,इस विशालतम जन समुद्र के भाग्य विधायक!
सुमित्रानंदन पंत
पाँत के नियम
मैंने देखा ज़िंदापन कभी ढाँचे में नहीं बँधता हैज़िंदापन नहीं मानता कभी पाँत का कोई भी नियम