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रांगेय राघव के उद्धरण

न तुम संन्यासिनी बनो, ताकि यौन जीवन से विरक्ति दिखाकर लोगों को प्रभावित कर सको। न तुम वेश्या बनो कि उसी के बल पर जियो।