प्रेमिकाओं का नाम

premikaon ka naam

बबली गुज्जर

बबली गुज्जर

प्रेमिकाओं का नाम

बबली गुज्जर

और अधिकबबली गुज्जर

    ये उजले दिन के साथी रहे थे

    ऐसे शरीफ़,

    कि मोहल्ले की लड़कियाँ

    उनसे बात करने से हिचकती नहीं थी

    इनसे हो जाती अंजाने में भी कोई भूल

    तो महादेव को चढ़ाते थे जल भोरे भोरे

    किसी को हुई तकलीफ़, बिसरती नहीं थी

    इन्होंने मौक़ापरस्त प्रेमिकाओं को किया माफ़

    क़दम पीछे कर किए उनके रास्ते साफ़

    और तो और उनके पतियों के प्रति कभी

    नहीं भरा अपने मन में किसी तरह का द्वेष

    तेज़ आवाज़ में बात की

    अपनी ब्याहताओं से

    बच्चों से किया कलेश

    यह सबकी पीड़ाओं के सहभागी थे

    अपने ईश्वर की रज़ा में राज़ी थे

    इन्होंने बाप के संग ढोई गारा मगज पर

    माँ के अधिकताप पीड़ा में आँगन बुहारा

    इन प्रेमियों को कविताएँ लिखनी नहीं आती थी

    तो इन्होंने अपनी बेटियों को

    ...अपनी प्रेमिकाओं के नाम से पुकारा!

    स्रोत :
    • रचनाकार : बबली गुज्जर
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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