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करना चाहती हूँ एक दस्तख़त

karna chahti hoon ek dastkhat

मीता दास

मीता दास

करना चाहती हूँ एक दस्तख़त

मीता दास

और अधिकमीता दास

    सेमल वन

    पलाश

    और ही शाल वनों को

    घेर कर होता है

    स्त्री का प्रेम

    और ही उसकी

    देह गंध खँडहरों के बीच

    तलाशती है अपना प्रेम

    बीहड़ो में

    पीली पतझड़ की पत्तियों की

    खड़खड़ाहट में भी नहीं

    उभरता उसका प्रेम

    महुआ बीनती हुई उस स्त्री का प्रेम भी

    प्रकृति से घुल मिल

    गीत गाती सुर से सुर मिलाकर

    और हाथ चलते तेज

    सखियों संग खिल-खिलाती तो

    उतर आता बसंत

    और जब कुलाँचे भरता है प्रेम

    गीतों में भी उतर आता

    महुआ संग बसंत

    तब वह गाती प्रेम के गीत

    अपनी अलमस्त चाल से जब

    लौटती है वह अपने घर की ओर

    शाम का धुंधलका और गहरा कर जाता

    उसके प्रेम को

    अब उसे थकान महसूस नहीं होती

    महसूसती है प्रेम

    और प्रकृति तुम रोपती हुई

    अद्भुत लगती हो

    पलाश वन

    सेमल वन

    और शाल वन को

    धरती की कोख में

    और मैं

    रोपती हूँ, प्रेम

    धरती के हर एक

    शै में

    करना चाहती थी

    एक

    दस्तख़त

    कि मैं भी हूँ तुम-सी पर

    अब

    मैं रोपती हूँ तुम्हारी कोख में

    अपने दुख, अपनी फ़रियाद

    और समूचा सुख भी

    तुम्हारी कोख की भीतरी

    आँच में

    तप कर कभी भूकंप तो कभी

    तो ज्वालामुखी भी हो उठता है

    मेरी कोख की क्या कहूँ

    चाहती तो हूँ

    चाँदनी-सी जमा लूँ और

    आँखें मींचे पड़ी रहूँ

    बहती नदी में पैर डालकर

    शीतल होती रहूँ

    और घोषित कर दूँ

    अब और नहीं...

    स्त्री को पृथ्वी कहना

    छोड़ दो तुम सब...

    स्रोत :
    • रचनाकार : मीता दास
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित
    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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