साथी हाथ बढ़ाना

sathi haath baDhana

साहिर लुधियानवी

साहिर लुधियानवी

साथी हाथ बढ़ाना

साहिर लुधियानवी

और अधिकसाहिर लुधियानवी

    नोट

    प्रसतुत पाठ एनसीईआरटी की कक्षा छठी के पाठ्यक्रम में शामिल है।

    साथी हाथ बढ़ाना

    एक अकेला थक जाएगा, मिलकर बोझ उठाना।

    साथी हाथ बढ़ाना।

    हम मेहनतवालों ने जब भी, मिलकर क़दम बढ़ाया

    सागर ने रस्ता छोड़ा, परबत ने सीस झुकाया

    फ़ौलादी हैं सीने अपने, फ़ौलादी हैं बाँहें

    हम चाहें तो चट्टानों में पैदा कर दें राहें

    साथी हाथ बढ़ाना।

    मेहनत अपने लेख की रेखा, मेहनत से क्या डरना

    कल ग़ैरों की ख़ातिर की, आज अपनी ख़ातिर करना

    अपना दुख भी एक है साथी, अपना सुख भी एक

    अपनी मंज़िल सच की मंज़िल, अपना रस्ता नेक

    साथी हाथ बढ़ाना।

    एक से एक मिले तो क़तरा, बन जाता है दरिया

    एक से एक मिले तो ज़र्रा, बन जाता है सेहरा

    एक से एक मिले तो राई, बन सकती है परबत

    एक से एक मिले तो इंसाँ, बस में कर ले क़िस्मत

    साथी हाथ बढ़ाना।

    वीडियो
    This video is playing from YouTube

    Videos
    This video is playing from YouTube

    साहिर लुधियानवी

    साहिर लुधियानवी

    स्रोत :
    • पुस्तक : वसंत भाग 1 (पृष्ठ 28)
    • रचनाकार : साहिर लुधियानवी
    • प्रकाशन : एनसीईआरटी
    • संस्करण : 2022

    Additional information available

    Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

    OKAY

    About this sher

    Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Morbi volutpat porttitor tortor, varius dignissim.

    Close

    rare Unpublished content

    This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

    OKAY

    जश्न-ए-रेख़्ता (2023) उर्दू भाषा का सबसे बड़ा उत्सव।

    पास यहाँ से प्राप्त कीजिए