यह विश्वविख्यात विजयनगर साम्राज्य की पृष्ठभूमि को केंद्र में रखकर गुणवंतराय आचार्य जी द्वारा गढ़ा गया एक ऐतिहासिक उपन्यास है। इसका हिंदी अनुवाद परदेशी जी ने किया है।
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