प्रस्तुत पुस्चक के पहले दृश्य में अँग्रेजी साम्राज्य के प्रभुत्व का बढ़ना है। दूसरे दृश्य में क्रांतिकारी भगत सिंह को दो सिपाहियों के साथ फाँसी दी जा रही है। तीसरे दृश्य में फिरंगियों के झंडे को लाल किले से नीचे उतारा जा रहा है। और लघुकथा का चौथा दृश्य आज़ाद भारत का है।