'काली गंध' प्रस्तुत उपन्यास में रचनाकार ने मालवांचल के परिदृश्य को आधुनिकता के समूचे दबावों और बदलते सामाजिक मूल्यों के बीच आम आदनी के माध्यम से दर्शाया गया है।
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