'गोर्की और प्रेमचन्द दो अमर प्रतिभाएं' इस पुस्तक में रचनाकार ने दोनों विद्वानों की साहित्यिक प्रतिभाओं की तुलना की है। दोनों महीन रचनाकार उपन्यास के क्षेत्र मं आगे हैं या कहानीकार के क्षेत्र में यह कहना कठिन है।
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