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लेखक : प्रबोध कुमार गोविल

संस्करण संख्या : 001

प्रकाशक : दिशा प्रकाशन, दिल्ली

प्रकाशन वर्ष : 1982

श्रेणियाँ : उपन्यास

पृष्ठ : 113

ISBN संख्यांक / ISSN संख्यांक : 8188081469

सहयोगी : भारतीय भाषा परिषद ग्रंथालय

देहाश्रम का मनजोगी

पुस्तक: परिचय

'देहाश्रम का मनजोगी' “देहाश्रम का मनजोगी” इनका प्रथम उपन्यास है, जिसमें इन्होंने यौन-शुचिता को लेकर लिखा है। इसका प्रकाशन 1982 में हुआ था। और तब से इसके बारे में यहीं माना जाता रहा है कि यह उपन्यास अपने समय से पूर्व ही लिखा गया है। इस उपन्यास में व्यक्ति की यौनेच्छाओं और यौनपूर्ति से संबन्धित उसकी अस्मिता को लेकर लिखा गया है। जो समाज में मनुष्य के शरीर को लेकर बनाए गए नियमों को बदलने की गुजारिश करता है। जिससे की मानव शरीर समाज के बंधनों की जकड़ से छूटकर स्वछंद विचरण कर सकें।

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