चेहरों की तख्तियों पर मीठेश निर्मोही का एक चर्चित कविता संग्रह है। इस पुस्तक की कविताएँ विरोधात्मक हैं। कवि की कविता की एक बड़ी शक्ति यह है कि उनकी संवेदनशीलता अपने भीतर की वस्तु परकात को तिरोहित नहीं होने देती।
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