श्री ऋषभचरण जैन जी का यह उपन्यास भाईयों के रिश्तों में समाजिक महत्तव और व्यवहार को दर्शाता है उपन्यास की कहानी अंग्रजी शासन के समय में यात्रा करती होती है तो आप उपन्यास को पढ़ते समय उस समय की सामाजिक व्यवस्थाओं से भी परिचित होते हैं।
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